इज़राइल ने ग़ाज़ा से नागरिकों की निकासी का आदेश दिया, ट्रंप ने युद्धविराम की मांग की

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स्रोत: Reuters AP News, The Guardian दिनांक: 30 जून 2025

इज़राइल ने उत्तरी ग़ाज़ा के निवासियों को क्षेत्र खाली करने का आदेश दिया। यह आदेश तब आया जब इज़रायली रक्षा बलों (IDF) ने हमास के खिलाफ तेज़तर सैन्य अभियान शुरू किया। इज़राइल ने जबालिया, ग़ाज़ा सिटी और आसपास के क्षेत्रों में नागरिकों को तुरंत दक्षिण की ओर स्थित अल-मावासी "मानवता सुरक्षा क्षेत्र" में जाने को कहा।

IDF का दावा है कि यह कार्रवाई हमास के सैन्य ढांचे को नष्ट करने के लिए है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप लाखों लोगों के पलायन और मानवीय संकट का खतरा और गहरा गया है।

🗣️ ट्रंप की सीधी अपील: "अब युद्ध समाप्त करो"

इसी दिन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी कर ग़ाज़ा संघर्ष को समाप्त करने की खुली मांग की। उन्होंने कहा कि "Make the deal in Gaza. Get the hostages out." ट्रंप ने संकेत दिया कि एक हफ्ते के भीतर युद्धविराम संभव है यदि दोनों पक्ष बातचीत की मेज पर आएँ।

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया जब वह फिर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शांति के लिए दबाव बनाने में अमेरिका की भूमिका निर्णायक होनी चाहिए।

⚠️ मानवीय संकट और आलोचनाएँ

ग़ाज़ा पहले से ही भयानक मानवीय संकट से गुजर रहा है। 56,000 से अधिक मौतें, 23 लाख विस्थापित नागरिक, बिजली और पानी की सप्लाई बाधित---इन सबके बीच अचानक निकासी आदेश से हालात और बिगड़ गए।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में अब कोई भी "वास्तविक सुरक्षित क्षेत्र" नहीं बचा है।
हमास ने इस आदेश को "जातीय सफ़ाई" बताया है और इसे युद्ध अपराध की श्रेणी में गिनने की माँग की है।

🌐 अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ

  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तत्काल युद्धविराम और नागरिक सुरक्षा की अपील की।
  • यूरोपीय संघ ने ट्रंप की पहल का समर्थन करते हुए ग़ाज़ा में स्थायी संघर्ष विराम की आवश्यकता जताई।
  • मिस्र और क़तर, जो मध्यस्थता में लगे हैं, ने भी यह कहा कि निकासी आदेशों से वार्ता प्रक्रिया को झटका लग सकता है।

🧭 राजनीतिक विश्लेषण

ट्रंप की यह पहल केवल मानवीय दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति के रूप में भी देखी जा रही है। यह उनकी "America First, Peace First" नीति के अनुरूप है। इज़राइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू घरेलू दबाव और बंधकों को छुड़ाने की योजना के तहत यह कदम उठाने पर मजबूर हैं।

ट्रंप के हस्तक्षेप से एक ओर हमास पर दबाव बनता है, तो दूसरी ओर इज़राइल को कूटनीतिक संतुलन साधने की चुनौती भी मिलती है।

🧾 निष्कर्ष

ग़ाज़ा की स्थिति अत्यंत जटिल हो गई है। युद्ध, निकासी, भूख, दवा की कमी और कूटनीतिक दबाव---इन सभी कारकों ने मिलकर क्षेत्र को विस्फोटक बना दिया है। ट्रंप की शांति पहल इस संघर्ष के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन सकती है, लेकिन उसके लिए इज़राइल, हमास और अमेरिका---तीनों को संतुलन और समर्पण दिखाना होगा।

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