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| प्रतीकात्मक चित्र |
जब भी भारत में गरीबी और बेरोजगारी की बात होती है, तो अक्सर बढ़ती जनसंख्या, किसान, मजदूर और युवा वर्ग को इसका कारण ठहराया जाता है। लेकिन यह सोच पूरी तरह एकपक्षीय है।
मेरा मानना है कि यही वर्ग --- किसान, श्रमिक और युवा --- भारत की असली ताकत हैं। अगर सही दिशा, संसाधन और सम्मान मिले, तो यही लोग गरीबी के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी ताक़त बन सकते हैं।
👩🌾 किसान: अन्नदाता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
भारत की 60% से अधिक आबादी खेती से जुड़ी है।
कृषि सिर्फ भोजन का स्रोत नहीं, बल्कि ग्रामीण रोज़गार और आर्थिक सुरक्षा का स्तंभ है।
सशक्त किसान = आत्मनिर्भर गाँव = मजबूत भारत
🧱 मज़दूर: इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास के असली निर्माता
चाहे सड़क हो, भवन हो या उद्योग --- मज़दूरों के बिना कुछ संभव नहीं।
प्रवासी श्रमिकों ने देश की अर्थव्यवस्था को ज़िंदा रखा, विशेषकर COVID-19 जैसे संकट में।
लेकिन उन्हें मिलने वाली मजदूरी, सम्मान और सुरक्षा अब भी अपर्याप्त है।
👨🎓 युवा: ऊर्जा, नवाचार और परिवर्तन के वाहक
भारत दुनिया का सबसे युवा देश है --- यह बोझ नहीं, एक जनशक्ति है।
युवा ही हैं जो टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप, शोध और नेतृत्व में नए रास्ते खोल सकते हैं।
🧠 मूल सोच में बदलाव की ज़रूरत है
🌱 निष्कर्ष:
भारत की गरीबी का कारण इसकी जनसंख्या नहीं है, बल्कि इस जनसंख्या का सही उपयोग न करना है।
किसान, मजदूर और युवा --- ये हमारी कमजोरी नहीं, हमारी ताक़त हैं।
अगर हम इन्हें सिर्फ़ मदद के पात्र नहीं बल्कि सहभागी और निर्माता के रूप में देखें, तो गरीबी को जड़ से मिटाया जा सकता है।


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