29 जून 2025 को सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड एक बार फिर लोकतांत्रिक असंतोष के केंद्र में तब्दील हो गई, जब हज़ारों प्रदर्शनकारियों—ज्यादातर छात्र और विपक्षी दलों के समर्थक—ने राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर वुचिच के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ तत्काल चुनावों की माँग को लेकर सड़कों पर उतरने का आह्वान किया।
यह विरोध Slavija Square से शुरू होकर संसद भवन तक पहुंचा, जिसमें लोगों ने "लोकतंत्र वापस लाओ", "मीडिया को स्वतंत्र करो", और "वुचिच इस्तीफा दो" जैसे नारे लगाए।
प्रदर्शन की बढ़ती तीव्रता को देखते हुए पुलिस बल ने आंसू गैस, वाटर कैनन, और लाठीचार्ज जैसे कठोर कदम उठाए। हिंसक झड़पों में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए, और कुछ गिरफ्तारियाँ भी दर्ज की गईं।
प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप यह है कि राष्ट्रपति वुचिच ने 12 साल के सत्तावादी शासन के दौरान देश के लोकतांत्रिक ढांचे, न्यायपालिका और मीडिया स्वतंत्रता को कमजोर किया है। कई छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसरों में भी राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ा है और स्वतंत्र सोच को दबाया जा रहा है।
वुचिच ने इन विरोधों को विदेशी शक्तियों की "साजिश" करार दिया, जो उनकी सरकार को अस्थिर करना चाहती हैं। लेकिन विपक्षी नेताओं और नागरिक संगठनों ने इसे जनता के अंदर दबे असंतोष का स्वाभाविक विस्फोट बताया है।
Balgrade Spring: एक नई लोकतांत्रिक लहर
इन विरोध प्रदर्शनों को Balgrade Spring की उपमा दी जा रही है — एक नई लोकतांत्रिक लहर की शुरुआत, जो सत्तावाद, मीडिया पर नियंत्रण और चुनावी प्रक्रिया की अपारदर्शिता के खिलाफ खड़ी हो रही है।
विरोधों ने केवल राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का ध्यान भी आकर्षित किया है, जिन्होंने स्वतंत्र जांच और मानवाधिकार उल्लंघनों पर पारदर्शिता की माँग की है।
इन घटनाओं ने आगामी सर्बियाई चुनावों की वैधता, और देश में लोकतंत्र की स्थिति पर व्यापक बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि सरकार जनभावनाओं को अनदेखा करती है, तो देश में राजनीतिक संकट और अस्थिरता और बढ़ सकती है।
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