28 जून 2025 को पाकिस्तान के अशांत नॉर्थ वज़ीरिस्तान क्षेत्र के मिर अली में एक घातक आत्मघाती कार-बम हमले ने पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिरता को हिला दिया।
इस आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के कम से कम 13 जवानों की मौत हो गई, जबकि तीन नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास की इमारतों की खिड़कियाँ चटक गईं और घरों की छतें उखड़ गईं।
पाकिस्तान सेना ने इस हमले को "संगठित आतंकी योजना" बताया और संकेत दिया कि हमलावर को "किसी विशेष समूह या ताकत" का समर्थन प्राप्त था। हालांकि, हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने नहीं ली है।
भारत पर आरोप और प्रतिक्रिया
इसके बावजूद, पाकिस्तानी मीडिया और सैन्य प्रवक्ताओं ने सीधे तौर पर भारत पर आरोप लगाने की कोशिश की, जिसमें कहा गया कि यह "सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा" है। इस आरोप ने भारत-पाक रिश्तों में तनाव को नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है।
29 जून को भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इन आरोपों को सिरे से "अस्वीकार्य और निराधार" करार दिया। भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना अपनी आंतरिक सुरक्षा की असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए भारत पर झूठे आरोप लगा रही है।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सीमा पार आतंकवाद के प्रति 'शून्य सहनशीलता' की नीति पर कायम है। MEA ने पाकिस्तान से "अपने घर को ठीक करने" और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को बदनाम करने की कोशिशों से बाज़ आने की सलाह दी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भले ही इस हमले को "निंदनीय" और "कायरता पूर्ण" बताया हो, लेकिन भारत पर परोक्ष रूप से संदेह व्यक्त करने से परहेज़ नहीं किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य प्रणाली अब भी भारत विरोधी रुख को रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करती है।
क्षेत्रीय प्रभाव
इस घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संवाद और शांति प्रक्रिया की संभावनाओं को गहरा आघात पहुँचाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पाकिस्तान आतंरिक असुरक्षा को भारत से जोड़ने की कोशिश करता रहेगा, तो इससे केवल क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ेगी।
🔎 मुख्य बिंदु (Key Highlights):
- 13 पाकिस्तानी सैनिक आत्मघाती हमले में मारे गए
- हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली, फिर भी भारत पर संदेह
- भारत ने आरोपों को "अनादरपूर्ण" और "झूठा" बताया
- MEA का बयान: "पाकिस्तान अपने विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए भारत को दोष दे रहा है"
- कूटनीतिक तनाव गहराया, शांति प्रक्रिया पर असर संभव
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