कैलाश मानसरोवर की अधूरी परिक्रमा: रहस्य या नियम?


"जहाँ विज्ञान मौन हो जाता है, वहाँ से आध्यात्म शुरू होता है।"

हिमालय की गोद में स्थित कैलाश पर्वत और उसके पास का मानसरोवर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि रहस्य और रहस्यवाद के केंद्र भी हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं पर एक सवाल सदियों से बना हुआ है:

📍 कैलाश पर्वत: एक परिचय

  • स्थान: तिब्बत (चीन के अधिकार क्षेत्र में)
  • ऊँचाई: 6,638 मीटर
  • धार्मिक महत्व:
    • हिन्दू धर्म में भगवान शिव का निवास
    • बौद्ध धर्म में ध्यान और निर्वाण का केंद्र
    • जैन धर्म में ऋषभदेव का मोक्ष स्थल
    • बोन धर्म में भी अत्यंत पवित्र

🧭 परिक्रमा पथ: कहाँ तक और क्यों नहीं पूरी?

  • सामान्य परिक्रमा पथ लगभग 52 किलोमीटर का होता है
  • इसे 'कोरा' (Kora) कहा जाता है, और यह श्रद्धालुओं द्वारा पूरा किया जाता है
  • लेकिन एक विशेष परिक्रमा पथ भी बताया गया है, जो पूरे पर्वत के चारों ओर और शीर्ष के पास से जाता है --- यही परिक्रमा "पूरी" मानी जाती है
  • अब सवाल है, यह विशेष परिक्रमा कोई क्यों नहीं कर पाता?

🔍 संभावित कारण और रहस्य

1. भौगोलिक और प्राकृतिक कारण

  • चट्टानों की खड़ी संरचना, बर्फीले तूफान, ऑक्सीजन की भारी कमी
  • पर्वत का ऊपरी भाग मानव पहुंच से बाहर है --- अब तक कोई चढ़ाई नहीं कर पाया
  • चीनी सरकार द्वारा पर्वत पर चढ़ाई प्रतिबंधित है

2. चुम्बकीय विकिरण और कम्पन

  • कई यात्रियों ने बताया है कि पर्वत के पास कंपन, घड़ी की सुइयों का रुक जाना, और GPS का असफल होना होता है
  • वैज्ञानिक भी मानते हैं कि यहाँ असामान्य चुंबकीय गतिविधियाँ हैं

3. कालचक्र का प्रतीक

  • तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार, कैलाश एक कोस्मिक एक्सिस है --- ब्रह्मांड का केंद्र
  • यहाँ समय और स्थान का अनुभव विलीन हो जाता है
  • कुछ साधु कहते हैं, "जो कैलाश के शिखर तक पहुँचा, वह मानव नहीं रह गया।"

4. रहस्यमयी ध्वनि और प्रकाश

  • पर्वत से अक्सर ध्वनि या "डमरू जैसी गूंज" सुनाई देती है
  • रात को अजीब रोशनी, "चलती आकृतियाँ" देखे जाने की घटनाएँ

🧘‍♂️ आध्यात्मिक मान्यता

  • शिव को अघोरा और रहस्य का देवता माना जाता है --- उनकी तपस्थली तक पहुँचना हर किसी के लिए संभव नहीं
  • कहा जाता है कि "जिसे कैलाश बुलाता है, वही वहाँ जाता है"
  • और जिसे वह स्वीकार करता है, वही परिक्रमा पूरी कर पाता है

🔒 क्यों नहीं होती चढ़ाई?

  • अब तक कोई भी पर्वतारोही कैलाश पर्वत की चोटी पर नहीं चढ़ पाया
  • महान पर्वतारोही रेइनहोल्ड मेसनर ने भी कहा था --- "यह पर्वत चढ़ने के लिए नहीं, पूजने के लिए है।"
  • चीनी सरकार ने आधिकारिक रूप से पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा रखा है, धार्मिक भावनाओं और पर्यावरण कारणों से

🔚 निष्कर्ष

कैलाश की परिक्रमा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक रहस्य है। यह वह स्थान है जहाँ भक्ति, विज्ञान, और रहस्य एकसाथ मिलते हैं। शायद यही कारण है कि "कैलाश की पूर्ण परिक्रमा" केवल योगियों, संतों या उन भाग्यशालियों के लिए है, जिनकी आत्मा इसके लिए तैयार हो।

❓ क्या आप मानते हैं...

क्या आपको लगता है कैलाश के शिखर या पूर्ण परिक्रमा में कोई अलौकिक शक्ति है? या यह केवल एक कठिन भूगोल और राजनीति से जुड़ा मुद्दा है?

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