सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति अधिकार या ज़िम्मेदारी

प्रतीकात्मक चित्र

"मुझे तुम्हारी बात से असहमति है, लेकिन तुम्हें कहने का अधिकार है -- इसका समर्थन करूंगा।"--- वोल्टेयर

📢 प्रस्तावना: आज़ादी या अराजकता?

अभिव्यक्ति की आज़ादी (Freedom of Speech) किसी भी लोकतंत्र की रीढ़ होती है।
लेकिन जब यही आज़ादी सोशल मीडिया जैसे मंचों पर बेकाबू हो जाती है,
तो सवाल उठता है --- क्या इसकी भी कोई मर्यादा होनी चाहिए?

🟢 पक्ष: अभिव्यक्ति की आज़ादी होनी चाहिए निरंकुश

1. लोकतंत्र की आत्मा है बोलने की आज़ादी

बिना डर के अपनी बात रखना नागरिक का मौलिक अधिकार है।
सोशल मीडिया ने उन आवाज़ों को भी जगह दी है जो पहले कभी नहीं सुनी जाती थीं।

2. सरकार या प्लेटफ़ॉर्म की सेंसरशिप = मनमानी

जब कोई संस्था यह तय करती है कि "कौन क्या बोले", तो यह आज़ादी का गला घोंटने जैसा है।

3. सोशल मीडिया = जनता का मीडिया

मुख्यधारा मीडिया जहाँ अक्सर सरकार या कॉर्पोरेट से प्रभावित होता है,
वहीं सोशल मीडिया असली "ग्राउंड सच्चाई" दिखा सकता है।

4. 'ऑफ़ेंस' लेना व्यक्तिगत है

जो एक व्यक्ति को अपमानजनक लगे, ज़रूरी नहीं कि वह सभी के लिए हो।
क्या हर किसी की 'भावना' के लिए आज़ादी कुर्बान की जाए?

🔴 विपक्ष: सोशल मीडिया पर मर्यादा ज़रूरी है

1. आज की आज़ादी, कल का अफवाह बम

फेक न्यूज़, हेट स्पीच और ट्रोलिंग का बाढ़ आ चुका है।
इससे सामाजिक सौहार्द, देश की सुरक्षा और मासूम लोगों की ज़िंदगियाँ खतरे में हैं।

2. 'Free Speech' बन गया है 'Hate Speech' का छिपा मुखौटा

जाति, धर्म, लिंग या राजनीति पर खुलेआम गाली-गलौज --- क्या यह भी आज़ादी है?

3. भावनाओं की हत्या, अभिव्यक्ति के नाम पर?

क्या किसी की आस्था या पहचान को चोट पहुँचाना भी बोलने का हक है?

4. डिजिटल प्लेटफॉर्म की ज़िम्मेदारी बनती है

बड़े सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ़ मुनाफा नहीं देख सकते --
उन्हें यह देखना होगा कि उनके मंच पर अराजकता या कट्टरता न फैले।

⚖️ निष्कर्ष: सीमा कहाँ हो?

अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा ज़रूरी है,
लेकिन मर्यादा और ज़िम्मेदारी के साथ।

  • अगर बोलने का अधिकार है, तो सुननेवाले की गरिमा का भी अधिकार है।
  • सोशल मीडिया पर ज़रूरत है स्वयं अनुशासन, शिक्षित आलोचना और विवेक की।

📬 आपकी राय क्या है?

❓ क्या सोशल मीडिया पर आज़ादी बेकाबू हो गई है?
❓ क्या मर्यादा तय करने का अधिकार सरकार को होना चाहिए या समाज को?

✍️ नीचे कमेंट करें

© 2025 Global Indians Foundation | सभी अधिकार सुरक्षित

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ