हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून का प्रकोप अभूतपूर्व और भयावह साबित हो रहा है। बीते 17 दिनों में प्रदेश में 19 बार बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। अभी तक 82 लोगों की जान जा चुकी है, दर्जनों लोग घायल हैं और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
मंडी, शिमला, कुल्लू और चंबा सबसे अधिक प्रभावित
राज्य के मंडी, शिमला, कुल्लू और चंबा जिलों में सबसे अधिक तबाही हुई है। मंडी जिले में बीते दो दिनों में कई जगहों पर बादल फटे हैं, जिससे गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। सैकड़ों घरों में पानी भर गया है और खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
सड़कों पर कहर, यातायात ठप
प्रदेश भर में 269 सड़कें पूरी तरह बंद हो गई हैं। भूस्खलन के कारण कई हाईवे भी बाधित हैं, जिसमें शिमला-मनाली, मंडी-पठानकोट और चंबा-डलहौजी मार्ग प्रमुख हैं। लोक निर्माण विभाग लगातार सड़कों को खोलने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारी बारिश के कारण काम में लगातार बाधा आ रही है।
बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित
बारिश और भूस्खलन से 285 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं और 278 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। इसके चलते कई गांवों में बिजली और पानी की भारी किल्लत हो गई है। प्रशासन वैकल्पिक इंतजाम करने में जुटा हुआ है।
बचाव और राहत कार्य
NDRF, SDRF और सेना तैनात
हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री
राहत शिविर स्थापित
मौसम चेतावनी
रेड और ऑरेंज अलर्ट
मंडी, कुल्लू, शिमला, किन्नौर
अधिक बारिश की संभावना
सरकार की अपील
जोखिम भरे क्षेत्रों से दूर रहें
केंद्र से अतिरिक्त सहायता मांग
पर्यटक यात्रा स्थगित करें
ताजा आंकड़े
प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
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